गरीबी आरक्षण या जाति आरक्षण क्या होना चाहिए ?
गरीबी आरक्षण या जाति आरक्षण क्या होना चाहिए?
आज हमारे भारत देश को आज़ाद हुए पूरे 77 साल हो गए हैं। लेकिन आज भी हमारे राजनेता जातिवाद और आरक्षण में उलझे हुए हैं। सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए हर किसी को सिर्फ कुर्सी की भूख है।
भारत में लोगो को बहला फुसला कर मुफ्त की चीजो के लालच देकर हर कोई राजनीति दल वोट बैंक इकट्ठा करने में लगा है। देश की जनता की तकलीफ कोई नहीं समझना चाहता देश को विकसित होते कोई राजनेता नहीं देखना चाहता। पक्ष और विपक्ष दोनों में सिर्फ कुर्सी की भूख साफ दिखती है।
Also Read http://IMU CET Exam Date 2024, यहाँ से देखें पूरा शेड्यूल!
हमारे लिए कितनी शर्म की बात है कि आज भी हम गरीब देशो की लिस्ट में आते हैं। हर तरफ आजकल राजनेता जाति जनसंख्या गिनती की बात करते हैं। क्योंकि जाति के हिसाब से आरक्षण बढ़ाने का वादा करके वोट बैंक को और बढ़ाया जा सके। इससे सिर्फ एक जाति को दूसरी जाति से लड़वाया जा रहा है लोगो के दिलों में दूसरे के प्रति जहर भरा जा रहा है।
हमारे होनहार राजनेता आज गरीबी की बात तक नहीं करते, न ही पक्ष के नेता और न ही विपक्ष के नेता। आरक्षण जाति के हिसाब से देना चाहते हैं सिर्फ वोट बैंक को बचाने के लिए। हम आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन आरक्षण गरीबी के लिए होना चाहिए न कि जाति के लिए। जी हां गरीबी आरक्षण ना कि जाति आरक्षण गरीबी आरक्षण से मतलब गरीब लोगो से है चाहे किसी भी जाति या धर्म से हो।
Also Read https://newspatrika.in/matar-mushroom-recipe-in-hindi/
आज हर सरकारी योजना और सरकारी नौकरी में जाति आरक्षण दिया जा रहा है और छूट भी जाति के हिसाब से दी जाती है जबकी ये सब गरीबी के हिसाब से होना चाहिए। जिस से देश में गरीबी कम होगी और बेरोजगारी भी कम होगी। हमारा मकसद देश के लोगों और राजनेताओं का ध्यान इस तरफ खींचने से है ताकि जातिवाद की राजनीति से बाहर आ कर गरीबी कम करके देश को आगे बढ़ाया जा सके।
हम सरकार और विपक्ष के नेताओं से गुजारिश करते हैं कि जातिवाद का आरक्षण हटा कर गरीबी आरक्षण शुरू करें, जिस से देश में गरीबी भी खत्म हो और जातिवाद की नफरत भी न हो।